बाल विकास की अवस्था
अवस्था
1- शैशवावस्था -जन्म से 3 वर्ष
2- बाल्यावस्था -3 से 12 वर्ष
(i) पूर्व बाल्यावस्था 3 - 6 वर्ष
(ii ) उत्तर बाल्यावस्था 6-12 वर्ष
शैशवावस्था की विशेषता - characteristics of infancy
बाल्यावस्था की विशेषताए
बाल्यावस्था जीवन का उस अवधि को कहते हैं, जब बच्चा जन्म लेता है और उसे प्रथम साढ़े बारह साल के तक की उम्र को बताया जाता है। इस अवधि में बच्चे के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास की विशेषताएं होती हैं।
कुछ मुख्य बाल्यावस्था की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1- बच्चों के शारीरिक विकास में गति और विस्तार होते हैं। इस अवधि में बच्चे बृहदाकार होते हैं और उनकी बौद्धिक क्षमता भी विकसित होती है।
2- बच्चे इस अवधि में समाजी और भाषाई कौशल विकसित करते हैं। वे भाषा और संचार के माध्यम से अपने भावों को व्यक्त करते हैं और अपने समाज में अधिकतम संभावनाओं को ढूंढ़ते हैं।
3- बच्चों का संचार ज्ञान के साथ साथ उनके सामाजिक और पारिवारिक विकास को भी बढ़ाता है।
4-बाल्यावस्था में बच्चों की खेल-कूद, रंगमंच और कला का विकास होता है जो उनकी भौतिक एवं मानसिक विकास में बड़ा महत्व रखता है।
5- बाल्यावस्था एक उपाध्याय है जो एक व्यक्ति की जीवन पथ की स्थापना करती है। यह उम्र होती है जब एक व्यक्ति जन्म लेता है और उसका विकास शुरू होता है जो लगभग दस वर्षों तक चलता है।
बाल्यावस्था के दौरान व्यक्ति की बहुत सारी विशेषताएं होती हैं। कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1- खेलने और अध्ययन करने की भावना: यह उम्र होता है जब बच्चे ज्ञान की जिज्ञासा रखते हैं और खेलने की इच्छा रखते हैं।
2- शारीरिक विकास: बाल्यावस्था के दौरान शारीरिक विकास का सबसे ज्यादा अंतर्गत होता है। इस दौरान बच्चे शारीरिक गतिविधियों में भाग लेते हैं, जैसे कि खेलना, दौड़ना, फुटबॉल आदि।
3- भावनात्मक विकास: बाल्यावस्था के दौरान बच्चों का भावनात्मक विकास होता है। यह उन्हें बेहतर संवेदनशील बनाता है और उन्हें अन्य लोगों के भावनाओं को समझने में मदद करता है।