सर्वनाम
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं। संज्ञा की पुनरुक्ति न करने के लिए सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। जैसे - मैं, तू, तुम, आप, वह, वे आदि।
सर्वनाम के भेद -
सर्वनाम के मुख्य छः भेद होते है
पुरुषवाचक सर्वनाम।
निश्चयवाचक सर्वनाम।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम।
संबंधवाचक सर्वनाम।
प्रश्नवाचक सर्वनाम।
निजवाचक सर्वनाम।
पुरुषवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम का प्रयोग वक्ता या लेखक द्वारा स्वयं अपने लिए अथवा किसी अन्य के लिए किया जाता है, वह 'पुरुषवाचक सर्वनाम' कहलाता है। पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं-
उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम- जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला स्वयं के लिए करता है, उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं। जैसे - मैं, हम, मुझे, हमारा आदि।
मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम- जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला श्रोता के लिए करे, उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे - तू, तुम, तुझे, तुम्हारा आदि।
अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम- जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला श्रोता के अतिरिक्त किसी अन्य पुरुष के लिए करे, उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- वह, वे, उसने, यह, ये, इसने, आदि।
निश्चयवाचक सर्वनाम
जो (शब्द)सर्वनाम किसी व्यक्ति, वस्तु आदि की ओर निश्चयपूर्वक संकेत करें वे निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- ‘यह’, ‘वह’, ‘वे’ सर्वनाम शब्द किसी विशेष व्यक्ति का निश्चयपूर्वक बोध करा रहे हैं, अतः ये निश्चयवाचक सर्वनाम है
उदाहरण
यह पुस्तक सोनी की है।
ये पुस्तकें रानी की हैं।
वह सड़क पर कौन आ रहा है।
वे सड़क पर कौन आ रहे हैं।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों के द्वारा किसी निश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु का बोध न हो वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- ‘कोई’ और ‘कुछ’ आदि सर्वनाम शब्द। इनसे किसी विशेष व्यक्ति अथवा वस्तु का निश्चय नहीं हो रहा है। अतः ऐसे शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
उदाहरण
द्वार पर कोई खड़ा है।
कुछ पत्र देख लिए गए हैं और कुछ देखने हैं।
संबंधवाचक सर्वनाम
परस्पर सबंध बतलाने के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग होता है उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- ‘जो’, ‘वह’, ‘जिसकी’, ‘उसकी’, ‘जैसा’, ‘वैसा’ आदि।
उदाहरण
जो सोयेगा, सो खोयेगा; जो जागेगा, सो पावेगा।
जैसी करनी, तैसी पार उतरनी।
प्रश्नवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम संज्ञा शब्दों के स्थान पर भी आते है और वाक्य को प्रश्नवाचक भी बनाते हैं, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- क्या, कौन आदि।
उदाहरण
तुम्हारे घर कौन आया है?
दिल्ली से क्या मँगाना है?
निजवाचक सर्वनाम
जहाँ स्वयं के लिए ‘आप’, ‘अपना’ अथवा ‘अपने’, ‘आप’ शब्द का प्रयोग हो वहाँ निजवाचक सर्वनाम होता है। इनमें ‘अपना’ और ‘आप’ शब्द उत्तम, पुरुष मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के (स्वयं का) अपने आप का ज्ञान करा रहे शब्द हें जिन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग श्रोता के लिए हो वहाँ यह आदर-सूचक मध्यम पुरुष होता है और जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग अपने लिए हो वहाँ निजवाचक होता है।
उदाहरण
राम अपने दादा को समझाता है।
श्यामा आप ही दिल्ली चली गई।
राधा अपनी सहेली के घर गई है।
सीता ने अपना मकान बेच दिया है।
सर्वनाम शब्दों के विशेष प्रयोग
आप, वे, ये, हम, तुम शब्द बहुवचन के रूप में हैं, किन्तु आदर प्रकट करने के लिए इनका प्रयोग एक व्यक्ति के लिए भी किया जाता है।
‘आप’ शब्द स्वयं के अर्थ में भी प्रयुक्त हो जाता है। जैसे- मैं यह कार्य आप ही कर लूँगा।
विशेषण
संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि) बताने वाले शब्द ‘विशेषण’ कहलाते हैं। जैसे - बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा, एक, दो आदि।
विशेष्य
जिस संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाए वह विशेष्य कहलाता है।
यथा- गीता सुन्दर है। इसमें ‘सुन्दर’ विशेषण है और ‘गीता’ विशेष्य है।
विशेषण शब्द विशेष्य से पूर्व भी आते हैं और उसके बाद भी।
पूर्व में, जैसे-
थोड़ा-सा जल लाओ।
एक मीटर कपड़ा ले आना।
बाद में, जैसे-
यह रास्ता लंबा है।
खीरा कड़वा है।
विशेषण के भेद
विशेषण के चार भेद हैं-
गुणवाचक।
परिमाणवाचक।
संख्यावाचक।
संकेतवाचक अथवा सार्वनामिक।
गुणवाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के गुण-दोष का बोध हो वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-
भाव ,रंग ,दशा ,आकार
परिमाणवाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा अथवा नाप-तोल का ज्ञान हो वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
परिमाणवाचक विशेषण के दो उपभेद है-
(1) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण- जिन विशेषण शब्दों से वस्तु की निश्चित मात्रा का ज्ञान हो। जैसे-
(क) मेरे सूट में साढ़े तीन मीटर कपड़ा लगेगा। (ख) दस किलो चीनी ले आओ। (ग) दो लिटर दूध गरम करो।
(2) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण- जिन विशेषण शब्दों से वस्तु की अनिश्चित मात्रा का ज्ञान हो। जैसे-
(क) थोड़ी-सी नमकीन वस्तु ले आओ। (ख) कुछ आम दे दो। (ग) थोड़ा-सा दूध गरम कर दो।
संख्यावाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे - एक, दो, द्वितीय, दुगुना, चौगुना, पाँचों आदि।
संख्यावाचक विशेषण के दो उपभेद हैं-
जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे - एक, दो, द्वितीय, दुगुना, चौगुना, पाँचों आदि।
संख्यावाचक विशेषण के दो उपभेद हैं-
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से निश्चित संख्या का बोध हो। जैसे - दो पुस्तकें मेरे लिए ले आना।
निश्चित संख्यावाचक के निम्नलिखित चार भेद हैं -
(क) गणवाचक - जिन शब्दों के द्वारा गिनती का बोध हो। जैसे-
(1) एक लड़का स्कूल जा रहा है।
(2) पच्चीस रुपये दीजिए।
(3) कल मेरे यहाँ दो मित्र आएँगे।
(4) चार आम लाओ।
(ख) क्रमवाचक - जिन शब्दों के द्वारा संख्या के क्रम का बोध हो। जैसे-
(1) पहला लड़का यहाँ आए।
(2) दूसरा लड़का वहाँ बैठे।
(3) राम कक्षा में प्रथम रहा।
(4) श्याम द्वितीय श्रेणी में पास हुआ है।
(ग) आवृत्तिवाचक - जिन शब्दों के द्वारा केवल आवृत्ति का बोध हो। जैसे-
(1) मोहन तुमसे चौगुना काम करता है।
(2) गोपाल तुमसे दुगुना मोटा है।
(घ) समुदायवाचक - जिन शब्दों के द्वारा केवल सामूहिक संख्या का बोध हो। जैसे-
(1) तुम तीनों को जाना पड़ेगा।
(2) यहाँ से चारों चले जाओ।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से निश्चित संख्या का बोध न हो। जैसे-कुछ बच्चे पार्क में खेल रहे हैं।
संकेतवाचक विशेषण
जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं।
विशेषण की अवस्थाएँ विशेषण शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं। विशेषता बताई जाने वाली वस्तुओं के गुण-दोष कम-ज़्यादा होते हैं। गुण-दोषों के इस कम-ज़्यादा होने को तुलनात्मक ढंग से ही जाना जा सकता है। तुलना की दृष्टि से विशेषणों की निम्नलिखित तीन अवस्थाएँ होती हैं-
मूलावस्था
उत्तरावस्था
उत्तमावस्था
मूलावस्था
मूलावस्था में विशेषण का तुलनात्मक रूप नहीं होता है। वह केवल सामान्य विशेषता ही प्रकट करता है। जैसे-
सावित्री सुंदर लड़की है।
सुरेश अच्छा लड़का है।
सूर्य तेजस्वी है।
उत्तरावस्था
जब दो व्यक्तियों या वस्तुओं के गुण-दोषों की तुलना की जाती है तब विशेषण उत्तरावस्था में प्रयुक्त होता है। जैसे-
रवीन्द्र चेतन से अधिक बुद्धिमान है।
सविता रमा की अपेक्षा अधिक सुन्दर है।
उत्तमावस्था
उत्तमावस्था में दो से अधिक व्यक्तियों एवं वस्तुओं की तुलना करके किसी एक को सबसे अधिक अथवा सबसे कम बताया गया है। जैसे-
पंजाब में अधिकतम अन्न होता है।
संदीप निकृष्टतम बालक है।